
गुटबाजी : सलोन तहसील में अधिवक्ताओं के बीच खींची वर्चस्व कि तलवार दो गुटों बंटे


*दशकों बाद सलोन तहसील के वकीलों में पनपी रार के बाद बना एक और बार एसोसिएशन*
मंडल ब्यूरो अनुभव शुक्ला लखनऊ
सलोन/रायबरेली। (उपभोक्ता खबर )जनपद कि सलोन एक ऐसी तहसील जहां इस बार ग्रामीण व कस्बों के गलियारों में होने वाले चुनाव कि राजनीति नहीं बल्की अधिवक्ताओं कि आवाज को उठाने वाले बार एसोसिएशन के चुनाव में भी कुत्सित राजनीति ने जन्म ले लिया है। विदित हो कि बीते दिनों सलोन तहसील में बीते दिनों बार एसोसिएशन का चुनाव सम्पन्न हुआ था जिसमें श्री नाथ भारती बार एसोसिएशन का अध्यक्ष महामंत्री संजय सिंह अन्य पदाधिकारी निर्वाचित हुए थे। जिसके चंद दिनों बाद दर्जनों अधिवक्ताओं के समूह ने दूसरे बार एसोसिएशन का गठन कर लिया जिसमें शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने सर्वसम्मति से अध्यक्ष विनय कुमार त्रिपाठी, महामंत्री पवन श्रीवास्तव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगदीश मौर्या, कोषाध्यक्ष उमेश त्रिपाठी, मीडिया प्रभारी रामानुज पांडेय, कनिष्ठ उपाध्यक्ष ज्ञानेंद्र त्रिपाठी व इंद्रेश द्विवेदी, पुस्तकालय अध्यक्ष अमित शुक्ला संयुक्त मंत्री प्रवीण त्रिपाठी उमेश चंद्र मिश्रा व कुलदीप त्रिपाठी को चुना गया। जिसके बाद फूल मालाओं के साथ दूसरे बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों का जोरदार स्वागत किया गया। सलोन तहसील में दो बार एसोसिएशन होने का यह मामला दिनभर चर्चा का विषय बना रहा जिसके बाद अब यह कहना मुश्किल नहीं है कि सलोन तहसील के अधिवक्ताओं के बीच पनपी आपसी वर्चस्व कि रार में जातिगत मतभेद व राजनीति कि बू आ रही है। आलम यह है कि सलोन तहसील के अधिवक्ता दो गुटों में बंट चुके हैं। अब देखना यह है कि आखिर अधिवक्ताओं कि यह गुटबाजी कब तक चलेगी.? यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
*पहले चुनाव में बाहरी अधिवक्ताओं को बुलाकर डलवाये गये थे वोंट – ज्ञानेंद्र त्रिपाठी*
वहीं इस बाबत दूसरे नवगठित बार एसोसिएशन के कनिष्ठ उपाध्यक्ष ज्ञानेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि इससे कुछ दिन पहले जो बार एसोसिएशन का चुनाव हुआ था उसमें बाहरी अधिवक्ता जिनके सलोन तहसील में कोई मुकदमें नहीं हैं। और वो दीवानी न्यायालय में भी नामित हैं वो भी यहां नियम के विरुद्ध आकर मतदान किये सलोन तहसील में लगभग 60 से 70 अधिवक्ता कार्य कर रहे हैं किंतु मतदान 120 के कैसे पड़ गये.? आपसी भेदभाव कि जातिगत राजनीति के बाद नये बार एसोसिएशन का सर्वसम्मति से गठन किया गया जिसमें अध्यक्ष अन्य पदाधिकारियों सहित कार्य समिति के 41 वरिष्ठ सदस्य भी सम्मिलित हैं।