परिवर्तन संस्थान द्वारा काशीपुर में पारंपरिक उल्लास एवं पर्यावरणीय चेतना  के साथ मनाया गया- हरेला पर्व’’

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परिवर्तन संस्थान द्वारा काशीपुर में पारंपरिक उल्लास एवं पर्यावरणीय चेतना के साथ मनाया गया- हरेला पर्व’’

 

काशीपुर।( उपभोक्ता खबर‘)‘श्रीराम संस्थान, काशीपुर’’ में परिवर्तन ‘बी द चेंज’ सोशल वेलफेयर सोसायटी के सानिध्य में उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं पर्यावरण संरक्षण की भावना को समर्पित पारंपरिक पर्व ’’हरेला’’ को बड़े ही हर्षाेल्लास एवं श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस विशेष अवसर पर संस्थान के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

 

कार्यक्रम की शुरुआत ’’दीप प्रज्वलन’’ के साथ हुई, जिसे ’’मुख्य अतिथि  राम मेहरोत्रा (प्रदेश संयोजक, सहकारिता प्रकोष्ठ एवं चेयरमैन, उत्तराखण्ड प्रादेशिक सहकारिता यूनियन) व ’’श्रीमती पूनम मंझारिया’’ समाज सेवी एवं अध्यक्ष, परिवर्तन ‘बी द चेंज’ सोशल वेलफेयर सोसाइटी, सुश्री सीमा चौहान, प्रदेश मंत्री भाजपा-काशीपुर, अभिनव अग्रवाल-उपाध्यक्ष श्रीराम संस्थान,  अर्पित अग्रवाल-सचिव सोशल वेलफेयर एजुकेशनल सोसाइटी,  नीलम अग्रवाल-संयुक्त सचिव सोशल वेलफेयर एजुकेशनल सोसाइटी, अर्जुन सिंह, मण्डल अध्यक्ष-भाजपा,  कल्पना राणा, मण्डल अध्यक्ष-भाजपा, ईश्वर गुप्ता वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ता, अजय कौशिक-प्रधानाचार्य गोविन्द बल्लभ पन्त इण्टर कॉलेज,  शेष कुमार सितारा-सेवा निवृत्त शिक्षक-उदयराज हिन्दु इण्टर कॉलेज सहित,  अभय मंझारिया, आयुष मंझारिया, श्रीमती राधा चौहान, निशा शर्मा, सरिता चौहान,  पूजा शर्मा अन्य विशिष्ट अतिथियों द्वारा संपन्न किया गया। सभी अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया।

’’संस्थान के अध्यक्ष श्री रवीन्द्र कुमार’’ ने अपने संबोधन में कहा, ’हरेला केवल एक पर्व नहीं, बल्कि प्रकृति से जुड़ने का एक संकल्प है। यह पर्व हमें हरियाली, संवेदनशीलता और सतत् विकास का संदेश देता है।’

मुख्य अतिथि ’’ राम मेहरोत्रा’’ एवं विशिष्ट अतिथि ’’श्रीमती पूनम मंझारिया’’ ने भी हरेला पर्व के सामाजिक व पर्यावरणीय महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को प्रकृति के संरक्षण हेतु जागरूक रहने का आह्वान किया।

कार्यक्रम में छात्रों द्वारा प्रस्तुत ’’सांस्कृतिक कार्यक्रमों’’ ने सभी का मन मोह लिया। सामूहिक गीत, पारंपरिक लोकनृत्य, प्रेरणादायक प्रस्तुति ’’ये कौन चित्रकार है’’, और ’’उत्तराखंड मेरी मातृभूमि’’ ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इसके साथ ही छात्रों ने हरेला पर्व कैसे मनाया जाता है उस पर एक नाटकीय प्रस्तुति की।

कार्यक्रम के अंतर्गत ’’वृक्षारोपण अभियान’’ का भी आयोजन हुआ, जिसमें शिक्षकों एवं छात्रों ने परिसर में वृक्षारोपण कर उन्हें संरक्षित रखने का संकल्प लिया। परिसर ‘‘वृक्ष लगाओ, जीवन बचाओ’’ जैसे नारों से गूंज उठा।

कार्यक्रम का समापन ’’पर्यावरणीय संतुलन, पारंपरिक मूल्यों और सामाजिक उत्तरदायित्व’’ के संदेश के साथ हुआ, जिसने सभी प्रतिभागियों को प्रकृति के प्रति सजग, जागरूक एवं समर्पित होने की प्रेरणा दी।

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