*कोतवाली में दरोगा ने फांसी लगाई, मौत से पहले बच्चों के लिए खरीदे थे ईद के कपड़े।*

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ख़बर पड़ताल ब्यूरो:– कोतवाली परिसर में दरोगा नायाब खान ने फांसी लगाकर दी जान।

रामपुर जिले की स्वार कोतवाली में सब-इंस्पेक्टर नायाब खान (50) का शव उनके सरकारी आवास में फंदे से लटका मिला। वह फर्रुखाबाद जिले के थाना कंपिल कस्बे के मूल निवासी थे और वर्तमान में उनका परिवार बरेली में रहता था। लगभग दो वर्षों से वह स्वार कोतवाली में तैनात थे।

कोर्ट से लौटने के बाद हुआ हादसा

बुधवार को नायाब खान एक केस के सिलसिले में कोर्ट गए थे। वहां से लौटने के बाद वह अपने कमरे में चले गए। दोपहर में जब उनके किसी परिजन ने कोतवाल के सीयूजी नंबर पर कॉल कर नायाब खान से बात कराने को कहा, तो एक पुलिसकर्मी उनके कमरे पर गया। दरवाजा अंदर से बंद था और कोई जवाब नहीं मिल रहा था। खिड़की से झांकने पर देखा गया कि वह पंखे से लटके हुए थे, सूचना मिलते ही एसपी विद्या सागर मिश्र, एएसपी अतुल कुमार श्रीवास्तव और अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। परिजनों के आने के बाद शव को फंदे से उतारा गया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगी मौत के कारणों की पुष्टि

सीओ अतुल कुमार पांडेय ने बताया कि मृतक के परिजनों ने मामले की जांच की मांग करते हुए तहरीर दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत के असली कारणों का पता चल सकेगा और उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

बच्चों को ईद के कपड़े दिलाकर लौटे थे नायाब

मृतक के भाई अरबाज ने बताया कि मंगलवार को नायाब खान बरेली गए थे, जहां उन्होंने अपने बच्चों के लिए ईद के कपड़े खरीदे। उनकी अचानक आत्महत्या की खबर से परिवार में मातम पसर गया।

पत्नी शिम्मी खान अपने 10 वर्षीय बेटे मोहम्मद हसन रजा खान और 7 वर्षीय बेटी अलेना खान के साथ कोतवाली पहुंचीं। शव देखते ही परिवार दहाड़ें मारकर रोने लगा, जिससे थाने में मौजूद अन्य पुलिसकर्मी भी भावुक हो गए।

रोजे से थे नायाब खान

परिजनों के मुताबिक, नायाब खान बेहद गंभीर स्वभाव के थे और नमाज व रोजा के पाबंद थे। बुधवार को भी उन्होंने सहरी कर रोजा रखा था और फिर ड्यूटी पर गए थे। कुछ घंटों बाद उनकी मौत की खबर आ गई।

पत्नी शिम्मी खान बार-बार यही कहती रहीं कि “आखिर ऐसा क्या हो गया था?” परिवार इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रहा है, जबकि पुलिस जांच में जुटी है।

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