हाथी दांत तस्करी के अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश, उत्तराखंड एसटीएफ और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में तस्कर गिरफ्तार

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उत्तराखंड के खटीमा क्षेत्र में बड़ी सफलता, दो हाथी दांत बरामद, नेपाल तक फैला नेटवर्क

खटीमा। उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) और वन विभाग की संयुक्त कार्रवाई में सोमवार को वन्यजीव तस्करी से जुड़े एक अंतर्राज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया गया। खटीमा क्षेत्र से एक शातिर तस्कर को दो बेशकीमती हाथी दांत के साथ गिरफ्तार किया गया है। इस कार्रवाई को वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में उत्तराखंड पुलिस की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।

एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत भुल्लर ने बताया कि पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ के निर्देश पर वन्यजीव तस्करी जैसी संगीन अपराधों की रोकथाम के लिए एसटीएफ को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे। उसी के तहत सीओ एसटीएफ श्री आर.बी. चमोला और एंटी नारकोटिक्स कुमाऊं यूनिट के प्रभारी निरीक्षक पावन स्वरुप के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम को खटीमा क्षेत्र में अंतर्राज्यीय वन्यजीव तस्करों की मौजूदगी की गोपनीय सूचना मिली थी।

इस सूचना के आधार पर एसटीएफ और खटीमा वन रेंज की संयुक्त टीम ने क्षेत्र में दबिश दी। कार्रवाई के दौरान एक संदिग्ध व्यक्ति को रोककर उसकी तलाशी ली गई, तो उसके पास से दो अदद हाथी दांत बरामद किए गए। गिरफ्तार व्यक्ति की पहचान उत्तम सिंह पुत्र मदन सिंह, निवासी नागवनाथ, थाना खटीमा, जनपद उधम सिंह नगर, उम्र 32 वर्ष के रूप में हुई है।

बरामद हाथी दांत की लंबाई और मध्य गोलाई क्रमशः 15 सेमी x 11 सेमी और 10.5 सेमी x 10 सेमी है। इसके अलावा तस्करी में प्रयुक्त मोटरसाइकिल (नंबर UK 06 Y 8347) को भी जब्त किया गया है। जांच में यह सामने आया है कि आरोपी लम्बे समय से उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के साथ-साथ नेपाल में वन्यजीव अंगों की तस्करी में लिप्त था।

एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि गिरफ्तार तस्कर के खिलाफ खटीमा थाना क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (Wildlife Protection Act) की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। यह अधिनियम हाथी जैसे दुर्लभ प्राणियों को पहली अनुसूची में संरक्षित करता है, जिनका शिकार करना एक गंभीर अपराध है।

पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम द्वारा की गई इस कार्रवाई में उत्तराखंड एसटीएफ के निरीक्षक पावन स्वरुप, उपनिरीक्षक विपिन जोशी, विनोद जोशी, मुख्य आरक्षी मनमोहन सिंह, महेन्द्र कुमार, किशोर गिरी, आरक्षी इसरार, वीरेंद्र चौहान, जीतेन्द्र कुमार और मोहित शामिल थे। वहीं वन विभाग की ओर से रेंजर नविन रैखवाल, धन सिंह अधिकारी, दिनेश चंद्र पंत, निर्मल रावत और भूपाल सिंह जीना की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

एसएसपी ने कहा कि वन्यजीवों की अवैध तस्करी न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिए खतरा है बल्कि यह संगठित अपराध के वैश्विक नेटवर्क से भी जुड़ी होती है। उत्तराखंड एसटीएफ इस प्रकार की गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है और भविष्य में भी इसी प्रकार की सघन कार्रवाई जारी रखेगी।

जनता से अपील की गई है कि यदि उन्हें कहीं पर भी वन्यजीवों की तस्करी से जुड़ी कोई जानकारी प्राप्त हो तो वे तत्काल अपने नजदीकी पुलिस थाने या एसटीएफ उत्तराखंड (फोन नंबर: 0135-2656202) से संपर्क करें। सभी की सतर्कता और सहयोग से ही इस संगीन अपराध को जड़ से समाप्त किया जा सकता है।

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