शराब ठेकेदारों के कारनामे पर जिला आबकारी अधिकारी ने कराई 12 शराब ठेकेदारों पर एफआईआर।

10
Siv arora
Spread the love

ख़बर पड़ताल ब्यूरो:- जिला आबकारी विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शराब ठेकेदारों पर FIR दर्ज कराई है।

यूपी के शाहजहांपुर में 12 शराब ठेकेदारों पर जिला आबकारी अधिकारी ने धोखाधड़ी की बड़ी कार्यवाही की है। जिला आबकारी अधिकारी ने पांच अलग-अलग FIR दर्ज कराई है। ठेकेदारों ने शराब ठेके के लिए जमा होने वाली सिक्योरिटी मनी की एफडी में जीरो बढ़कर 50000 को 5 लाख कर दिया। इसी तरह लगभग एक करोड रुपए की जमा होने वाली एफडी शातिर ठेकेदारों ने कंप्यूटर से फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। सभी आरोपी शराब ठेकेदार विधानसभा कटरा से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी मुन्ना सिंह के परिवार के हैं। जिनमें से दो आरोपी शराब ठेकेदार जिला पंचायत सदस्य भी है। फिलहाल पुलिस ने भी मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है।

जिले में शराब ठेके के दस्तावेजों में हुई भारी धोखाधड़ी के बाद से जिले भर के शराब ठेकेदारों में हड़कंप मचा हुआ है। यहां एक ही परिवार के 12 शराब ठेकेदारों ने लाइसेंस के लिए जमा होने वाली सिक्योरिटी मनी में भारी धोखाधड़ी की है। धोखाधड़ी करने वाले सभी शराब ठेकेदार कटरा विधानसभा से कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी मुन्ना सिंह नवादा के परिवार के हैं, जिनमे दो जिला पंचायत सदस्य, एक ग्राम प्रधान और परिवार की महिलाएं शामिल है। ठेकेदारों ने लाइसेंस मिलने के बाद शराब ठेके के लिए जमा होने वाली फिक्स डिपाजिट रसीद में कंप्यूटर से जीरो बड़ा दिए। शातिर शराब ठेकेदारों ने 50000 में जीरो बढ़कर 5 लाख कर दिया। 20000 में जीरो बढ़कर 2 लाख कर दिया। इस तरह से शातिर शराब ठेकेदारों ने महज लगभग 2 लाख की धनराशि को लगभग एक करोड रुपए में फर्जी तरीके से फिक्स डिपाजिट रसीद तैयार कर ली और उन्हें विभाग में जमानत के तौर पर जमा करवा दिया। इसके बाद शक होने पर जब जिला आबकारी विभाग ने बैंक से जमानत के तौर पर जाम की गई फिक्स्ड डिपॉजिट का सत्यापन करवाया तो धोखाधड़ी का पूरा मामला निकलकर सामने आ गया। इसके बादतेज तर्रार जिला आबकारी अधिकारी उदय प्रताप सिंह ने एक ही परिवार की 12 शराब ठेकेदारों पर पांच अलग-अलग फिर दर्ज कराई है। जिनमे गंभीर धाराएं लगाई गई है। जिला आबकारी अधिकारी का कहना है कि सरकारी दस्तावेजों में धोखाधड़ी और छेड़छाड़ करना गंभीर अपराध है। इस मामले में अभी और कार्रवाई भी हो सकती है। फिलहाल जिला आबकारी अधिकारी ने सभी के शराब लाइसेंस निरस्त कर दिए है।

दरअसल जब शराब के ठेके होते हैं तो उसमें लाइसेंस की फीस जमा होती है। इसके अलावा आबकारी विभाग शराब ठेकेदारों से सिक्योरिटी मनी भी जमा करवाता है। बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद जारी करता है जिसे आबकारी विभाग में जमा किया जाता है। इन्हीं रसीदों में शातिर शराब ठेकेदारों ने जीरो बढ़कर हज़ार की धनराशि को लाखों में तब्दील कर दिया। फिलहाल मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस इस मामले में पुलिस ने भी अपनी कार्यवाही शुरू कर दी  है।

जिन शराब ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज हुई है उसमें कांग्रेस से पूर्व प्रत्याशी मुन्ना सिंह नवादा की पत्नी उनके बेटे और बहुएं भी शामिल है। साथ ही परिवार की अन्य महिलाओं के नाम से भी शराब के ठेके लिए गए थे। लेकिन धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज होने के बाद से दूसरे शराब ठेकेदारों में भी हड़कंप मचा हुआ है। फिलहाल जिला आबकारी अधिकारी ने सभी 12 ठेकेदारों के लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। इसके साथ ही दूसरे अन्य ठेकेदारों की दस्तावेजों की भी जांच शुरू कर दी गई है।

Comments are closed.