धोखाधड़ी से अपने नाम करवाई भूमि लाखों रुपए का लिया कर्ज, न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज

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धोखाधड़ी से अपने नाम करवाई भूमि लाखों रुपए का लिया कर्ज, न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज

 

*सलोन कोतवाली क्षेत्र के प्यारे पुर करहिया चौकी क्षेत्र का पूरा मामला हुए 419,420,471468 में वांछित*

 

*लाखों रुपए का कर्ज लेने के बाद भूमि पुनः पीड़िता के ही नाम किया था वापस तहसील कर्मी भी थे संलिप्त*

 

मंडल ब्यूरो चीफ अनुभव शुक्ला लखनऊ

सलोन/ रायबरेली। धोखाधड़ी हुआ कूटरचित तरीके से बिना किसी आदेश के अपने नाम जमीन दर्ज कराने के बाद लाखों रुपए का किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन लेने वाले दो के विरुद्ध सलोन थाना में 419,420,471468 जैसी गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है हालांकि इससे पहले भी कुवंर चंद्र प्रताप पर भूमि विवाद को लेकर ही ऐसी ही गंभीर कई धाराओं में मुकदमा पंजीकृत है जिसकी विवेचना कई पटलों पर की गई यदि जानकारों की मानें तो गैर जनपद में उस मुकदमे की विवेचना की गई है दरअसल पूरा मामला सलोन कोतवाली क्षेत्र के प्यारे पुर करहिया चौकी क्षेत्र से जुड़ा हुआ है जहां के निवासी आनंद सिंह ने बीते जनवरी माह में सलोन थाना में तहरीर देते हुए बताया था की मेरी नानी विश्वनाथ कुमारी पत्नी स्वर्गीय रमायदु पाल सिंह के नाम अभिलेखों में गाटा संख्या 1862 (ग) दर्ज थी जिसे प्यारे पुर करहिया चौकी क्षेत्र निवासी कुंवर चंद्र प्रताप सिंह व अरुंधती सिंह ने कूटरचित धोखाधड़ी से बिना किसी आदेश के अपने नाम दर्ज कर लिया और दो बैंकों से धोखाधड़ी करके लाखों रुपए का कर्ज ले लिया काफी रुपए ब्याज हो जाने के बाद लाखों रुपए हड़प कर गाटा संख्या 1862 (ग) को शिकायत कर्ता आनंद सिंह की नानी विश्वनाथ कुमारी के ही नाम पुनः वापस दर्ज करवा दिया जिसके बाद से बैंक कर्मचारी लगातार आनंद प्रताप सिंह की मां व उसके परिजनों से बैंक के रुपए भरने का दबाव बना रहे थे जिसके बाद लगातार थाना व तहसील का चक्कर काट कर लाखों रुपए की धोखाधड़ी के साथ रुपयों का गबन करने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की पीड़ित परिवार गुहार लगा रहा था किंतु कहीं से कोई सुनने को तैयार नहीं था अंत में थक हार कर जब पीड़ित ने 156 (3) के तहत न्याय की गुहार लगाई तो न्यायालय के आदेश पर सलोन थाना में कुंवर चंद्र प्रताप सिंह, और अरुंधती सिंह के विरुद्ध सलोन थाना में 419,420,471468 का मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दिया है अब देखना यह है की सलोन पुलिस रसूखदार अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर पाती है या नहीं यह एक सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न बना हुआ है। इस पूरे मामले में सलोन तहसील के राजस्व कर्मचारियों की भी कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि बिना राजस्व कर्मचारियों की संलिप्तता के किसी भी भूमि का वरासत खतौनी में नाम जैसे अन्य अभिलेखीय परिवर्तन होना असंम्भव है।

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