
रुद्रपुर में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया माता अहिल्याबाई होल्कर का 298 वा जन्मदिवस


ब्यूरो रिपोर्ट,धर्मपाल सिंह
रुद्रपुर। आज रुद्रपुर में माता अहिल्याबाई होल्कर के 298 जन्म दिवस के उपलक्ष में अखिल भारतीय पाल महासभा के द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पाल समाज के लोगों के द्वारा माता अहिल्याबाई होल्कर मूर्ति को फूल मालाएं पहनाकर पुष्प अर्जित किए गए।
कार्यक्रम के दौरान अखिल भारतीय पाल महासभा के कुमायूं मंडल प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश पाल ने कहा कि महारानी अहिल्याबाई इतिहास-प्रसिद्ध सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खंडेराव की पत्नी थीं। जन्म इनका सन् 1725 में हुआ था और देहांत 13 अगस्त 1795 को हुआ था। इनका विवाह इन्दौर राज्य के संस्थापक महाराज मल्हार राव होल्कर के पुत्र खंडेराव से हुआ था। महारानी अहिल्याबाई होलकर भारत के मालवा साम्राज्य की मराठा होलकर महारानी थी। अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर के छौंड़ी ग्राम में हुआ। उनके पिता मंकोजी राव शिंदे, अपने गाव के पाटिल थे। उस समय महिलाये स्कूल नही जाती थी, लेकिन अहिल्याबाई के पिता ने उन्हें लिखने -पढ़ने लायक पढ़ाया। अहिल्याबाई के पति खांडेराव होलकर 1754 के कुम्भेर युद्ध में शहीद हुए थे। 12 साल बाद उनके ससुर मल्हार राव होलकर की भी मृत्यु हो गयी। इसके एक साल बाद ही उन्हें मालवा साम्राज्य की महारानी का ताज पहनाया गया।
वह हमेशा से ही अपने साम्राज्य को मुगल शासकों आक्रमणकारियो से बचाने की कोशिश करती रही,बल्कि युद्ध के दौरान वह खुद अपनी सेना में शामिल होकर युद्ध करती थी,उन्होंने तुकोजीराव होलकर को अपनी सेना के सेनापति के रूप में नियुक्त किया था,रानी अहिल्याबाई ने अपने साम्राज्य महेश्वर और इंदौर और अन्य कई स्थानों में काफी मंदिरो का निर्माण भी किया था।
इसके साथ ही उन्होंने लोगो के रहने के लिए बहुत सी धर्मशालाए भी बनवायी थी। ये सभी धर्मशालाए उन्होंने मुख्य तीर्थस्थान जैसे गुजरात के द्वारका, काशी विश्वनाथ, केदारनाथ वाराणसी का गंगा घाट, उज्जैन, नाशिक, विष्णुपद मंदिर और बैजनाथ के आस-पास ही बनवायी। उन्होंने मुगल शासकों आक्रमणकारियो के द्वारा तोड़े हुए मंदिरो का जीर्णोद्धार किया था। माता अहिल्या बाई होलकर के द्वारा भारत में कई मंदिरों का निर्माण कराया था। जिसमें सोमनाथ में शिवजी का मंदिर भी शामिल है। आज उनके ही द्वारा जीर्णोद्धार किए गए मंदिरों को आज भी हिन्दुओ द्वारा पूजा जाता है। और हिंदुओं की आस्था का प्रतीक माना जाता है।
इस दौरान अखिल भारतीय पाल महासभा के कुमाऊं मंडल प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश पाल,अखिल भारतीय पाल महासभा के नगर अध्यक्ष रमेश पाल,गिरीश पाल, हरेंद्र पाल, पत्रकार बब्लू पाल, पत्रकार रामपाल सिंह पाल, बाबू पाल, ललित पाल,चंद्रप्रकाश पाल, भगत जी, सोमपाल पाल, चंद्रपाल पाल, ओमप्रकाश पाल,ज्ञानचंद्र पाल, मंगलसेन पाल, सुरेश पाल, किशोरी पाल, राहुल पाल, नरेंद्र पाल, सूर्य प्रकाश पाल, सचिन पाल, रामपाल, उमेश पाल, जितेंद्र पाल, छत्रपाल पाल, धर्मेंद्र पाल, सहित सैकड़ों की संख्या में पाल समाज के लोग उपस्थित थे।