अपराधी की हत्या और साजिश यूपी का मृत बर्खास्त होमगार्ड निकाल जिंदा। पुलिस से छुटकारा पाने के लिए अपने ही साथी की कर चुका था हत्या। 10 वर्ष बाद ऊधमसिंहनगर पुलिस ने दबोचा।

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अपराधी की हत्या और साजिश यूपी का मृत बर्खास्त होमगार्ड निकाल जिंदा। पुलिस से छुटकारा पाने के लिए अपने ही साथी की कर चुका था हत्या। 10 वर्ष बाद ऊधमसिंहनगर पुलिस ने दबोचा।

 

धर्मपाल सिंह (संपादक)

रुद्रपुर। (उपभोक्ता खबर) यूपी में होमगार्ड पद से बर्खास्त होने के बाद अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले एक युवक के कारनामे ने पुलिस के साथ आम इंसान को भी हैरत में डाल दिया। युवक ने पुलिस से बचाने के लिए अपने ही गांव के एक युवक की पहले हत्या कि और फिर उसे अपना नाम देकर खुद को मृत घोषित करा दिया। ऊधमसिंहनगर पुलिस ने आरोपी को दस वर्ष बाद गिरफ्तार करके उसके मनसूबों पर पानी फेर दिया है। पुलिस ने आरोपी का साथ देने वाले उसके भाई को भी गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी ने खुलासा करने वाली पुलिस टीम को 2500 का ईनाम देने की घोषणा की है।

एसएसपी मंजूनाथ टीसी के मुताबिक जनपद के थाना सितारगंज क्षेत्र में सिसईया के पास 29 जुलाई 2015 को एक शव मिला था, शव पूरी तरह क्षतिग्रस्त था, मृतक की जेब से बरामद दस्तावेज के मुताबिक उसकी पहचान मुकेश यादव पुत्र भीकम सिंह निवासी हसनगंज के मजरा थाना मूंढापांडे मुरादाबाद के रूप में हुई थी, मृतक के परिजनों ने भी उसे अपना पुत्र बताया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी हत्या की पुष्टि हुई थी, इस मामले में पुलिस लगातार छानबीन कर रही थी। इधर पिछले दिनों सूचना मिली थी मुकेश दो जिंदा है, जिसपर उन्होंने टीम गठित कर पूरे मामले के खुलासे के निर्देश दिए थे, साथ ही मुकेश, उसके भाई धर्मपाल, पिता भीकम सिंह समेत आधा दर्जन के खिलाफ केस दर्ज किया था।पुलिस टीम ने गत दिवस मुकेश को लालकुआं क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह 1999 में मुरादाबाद में होमगार्ड में भर्ती हुआ था, इस दौरान वह हयूटी के साथ वहानों से अवैध वसूली करते पकड़ा, तो उसे बखरित कर दिया गया, जिसके बाद वह लूट, चोरी करने लगा। उसके खिलाफ मुरादाबाद क्षेत्र में ही करीब एक दर्जन मुकदमे दर्ज हो चुके थे। पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही, जिससे उसके परिजन भी परेशान थे, ऐसे में उसके दिमाग में खुद को मृत दिखाकर छुटकारा पाने का प्लान आया। इसके लिए उसने गांव के ही एक युवक को चुना। 29 जुलाई 2015 को उसके ही गांव मजिन्दर उर्फ मनी जब गंगा पुल पर खड़ा था उसने उसे अपनी गाड़ी में बिठा लिया, जिसे वह शराब पिलाकर ऊधमसिंहनगर ले आया, रात को सिसाईया के पास ले जाकर मजिन्दर को उसने खूब शराब पिलाई और जब वह बेहोश हो गया तो उसके सिर में डंडे से बार कर उसकी हत्या कर दी। जिसके बाद उसे गाड़ी से नीचे फेंक दिया। पुलिस के मुताबिक मृतक की पहचान बिगाड़ने के लिए आरोपी ने उसके शव को सडक से गुजर रहे एक ट्रक के नीचे फेंक दिया, और फिर जब उसकी पूरी पहचान मिटा गई तो उसके शव को रोड किनारे फेंककर उसकी जेब में मुकेश यादव ने अपना आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज रख दिए। पुलिस की सूचना पर पहुंचे मृतक के परिजनों ने भी उसे अपना पुत्र माना था, बाद में परिजनों ने मुकेश के मृत होने का प्रमाणपत्र बनबाकर सभी केस बंद करा दिए। इस पूरे खेल के बाद मृतक यूपी के शहजादपुर में रह रहा था।

पुलिस आरोपी के भाई धर्मपाल को भी गिरफ्तार कर लिया है।

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