तो क्या नवागंतुक महिला थानाध्यक्ष की संरक्षण से जगतपुर थाना में महिला उत्पीडन को बढ़ावा दे रहे पुलिस कर्मी. छेड़खानी की शिकायत करने गई पीड़िता ने जबरन दो सिपाहियों पर सुलहनामे पर हस्ताक्षर कराने का लगाया आरोप

तो क्या नवागंतुक महिला थानाध्यक्ष की संरक्षण से जगतपुर थाना में महिला उत्पीडन को बढ़ावा दे रहे पुलिस कर्मी.


छेड़खानी की शिकायत करने गई पीड़िता ने जबरन दो सिपाहियों पर सुलहनामे पर हस्ताक्षर कराने का लगाया आरोप
मंडल ब्यूरो चीफ अनुभव शुक्ला लखनऊ
रायबरेली। नारी शक्ति करण को लेकर आए दिन उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद में महिला सम्मान सहित एंटी रोमियो की टीम द्वारा शोहदों पर शिकंजा कसने की कसीदें भले ही पढ़ी जाती हैं किंतु यहां पर महिला उत्पीडन का मामला उस थाना क्षेत्र से निकल कर सामने आ रहा है जिस थाना की कमान हाल ही में जिले के तेजतर्रार एसपी आलोक प्रियदर्शी ने एक महिला को ही सौंपी थी जी हां हम बात कर रहे हैं जगतपुर थाना की जहां के थानाध्यक्ष रहे श्याम कुमार पटेल को सलोन थाना की कमान सौंप जगतपुर थानाध्यक्ष की कुर्सी पर बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखने की उम्मीदें रखकर बबिता पटेल को कुर्सी पर बैठाया गया था किंतु थानाध्यक्ष की सरपरस्ती से सिपाही एसपी आलोक प्रियदर्शी की कुशल कार्यशैली भरी सोच पर पानी फेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं दरअसल पूरा मामला जगतपुर थाना क्षेत्र के ही पूरे सेवांस सिंह गांव का है जहां की निवासिनी पीड़िता मोहिनी ने गांव के ही कुछ शोहदों पर के विरुद्ध छेड़छाड़ से सम्बन्धित तहरीर दी थी किंतु सिस्टम पर सवाल वहां खड़ा हुआ जब पीड़िता ने जगतपुर थाना में तैनात दो सिपाही दीपांशु व रामकुमार के कुशल कार्यशैली का बखान करते हुए बताया की जबरन सुलहनामे पर हस्ताक्षर करवा कर थाना से बैरंग वापस भेज दिया गया लाचार होकर पीड़िता घर वापस आ गई यदि पीड़िता की मानें तो पीड़िता उच्चाधिकारियों से न्याय की गुहार लगाने की योजना बना ही रही थी की शाम को जगतपुर थाना में तैनात दीपांशु व रामकुमार नाम के दोनों जांबाज सिपाहियों ने पीड़िता को धमकाते हुए उल्टा पीड़िता पर ही मुकदमा दर्ज करने और मामले में कोई कार्यवाही ना होने की नसीहत दे डाली हो कुछ भी किंतु जगतपुर थाना में शिकायतों के निस्तारण में माहिर इन दोनों सिपाहियों की कार्यशैली सुर्खियों में आ चुकी है वहीं इस बाबत थानाध्यक्ष से जानकारी लेने का प्रयास किया गया तो सीयूजी नंबर नेटवर्क क्षेत्र से बाहर मिला हलांकी जब सिपाही से पक्ष जाना गया तो मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा की मामला परिवारिक है युवती ने अपनी मर्जी से सुलहनामा पर हस्ताक्षर किया है आखिर फरियाद लेकर गई पीड़िता तत्काल सुलहनामा क्यों कर लेगी यह एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है।