शिकायतों का अंबार लगाने वाले भ्रष्ट अफसरों के बजाय जनता से ही कई जगह उलझी केंद्रीय मंत्री स्मृति रानी अधिकारियों के रुतबे के आगे बौना साबित हुआ केंद्रीय मंत्री का आदेश अफसर ही डुबोने पर जुटे बीजेपी की लुटिया

शिकायतों का अंबार लगाने वाले भ्रष्ट अफसरों के बजाय जनता से ही कई जगह उलझी केंद्रीय मंत्री स्मृति रानी


अधिकारियों के रुतबे के आगे बौना साबित हुआ केंद्रीय मंत्री का आदेश अफसर ही डुबोने पर जुटे बीजेपी की लुटिया
सौ में से बीस शिकायतों का भी गुणवत्ता पूर्ण नहीं हो सका निस्तारण हुई सिर्फ हुई खाना पूरी
ब्यूरो चीफ अनुभव शुक्ला
रायबरेली। जिले में इन दिनों अधिकारियों के सिर पर अफसरशाही का रुतबा अधिकारियों के सिर पर इस कदर सवार है कि केंद्रीय मंत्री का आदेश भी उनके गुरुर के आगे बौना साबित हुआ जिसका जीता जागता प्रमाण कोई और नहीं बल्की दिल्ली से चलकर सलोन तहसील क्षेत्र के तीन ब्लाकों के 319 बूथों में ग्रामीणों से सीधा रूबरू होने आई केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के जनसंवाद कार्यक्रम में देखने को मिला केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी का काफिला ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचते ही एक तरफ जहां फरियादियों के भींड लग जाती थी तो वहीं दूसरी तरफ अफसरों की भी भींड जरूर देखने को मिलती थी किंतु अधिकतर अफसर ग्रामीणों की शिकायतों को दबाकर अपनी किरकिरी होने से बचने के युक्ती में लगे दिखाई पड़ते थे गंभीर से गंभीर मुद्दे केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के समक्ष आये किंतु अचंभे की बात यह है कि केंद्रीय मंत्री व अमेठी सांसद स्मृति ईरानी भी उन्हीं भ्रष्ट अफसरों को कार्यवाही का निर्देश देती नजर आई जिनके कारनामों के चलते मजबूरन ग्रामीणों को हाईकमान व कैबिनेट मंत्री स्मृति ईरानी के सामने दुखड़े को रोने पर विवश होना पड़ा अखबार में छपी इस तस्वीर को गौर से देखिए! यह दोनों तस्वीर अमेठी लोक सभा की ही है जहां पर केंदीय मंत्री स्मृति ईरानी का कहीं ग्रामीण के ऊपर पारा सातवें आसमान पर चढ़ा दिखा तो कहीं पत्रकार के ऊपर ! हलांकी कई जगहों पर स्मृति ईरानी ने बहन होने का भी एहसास किंतु होटलों पर चाय की चुस्कियां लेने के दौरान दबी जुबान में कई ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा की जिस तरह से केंद्रीय मंत्री वह अमेठी सांसद स्मृति ईरानी ग्रामीण व पत्रकार से उलझ पड़ी अगर कहीं इसी तरह अधिकारियों के कारनामों पर आक्रामक कार्यशैली दिखाते हुए उन पर शिकंजा कसती तो यही फरियादी ग्रामीण फरियाद करने के बजाए गलियों में बीजेपी का प्रचार करते दिखते हो कुछ भी किंतु यदि ग्रामीणों की मानें तो इन दिनों अधिकारी ही बीजेपी की लुटिया डुबोने की मानों ठेका लिए हुए हैं। क्योंकी जिन जिन गांवों में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने शिकायतों को सुना उसमें से 10 प्रतिशत शिकायतों का भी अधिकारी गुणवत्ता पूर्ण निस्तारण ना कर झूंठी आख्या लगाने की ताक में लगे हैं।