
भवसागर रूपी नौका की बल्ली हैं श्रीमद्भागवत कथा : अनूप महाराज


जिला हरदोई के ग्राम दौली में चल रही संगीतमय श्रीमद् भागवत के विश्राम दिवस पर असलापुर धाम से पधारें सुप्रसिद्ध कथावाचक परम पूज्य अनूप ठाकुर जी महाराज ने भागवत कथा के अंतिम दिन श्रोताओं से कहा कि भवसागर रूपी नौका को पार करने के लिए श्रीमद्भागवत एक बल्ली के समान हैं भागवत को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है! साथ ही सुदामा चरित्र के माध्यम से श्रोताओं को श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता की मिसाल पेश की। इस कड़ी में महाराज ने बताया श्रीमद् भागवत कथा का सात दिनों तक श्रवण करने से जीव का उद्धार हो जाता है, वहीं इस कथा को कराने वाले भी पुण्य के भागी होते हैं। अंतिम दिन सुखदेव द्वारा राजा परीक्षित को सुनाई गई श्रीमद् भागवत कथा का पूर्णता प्रदान करते हुए विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया।
अनूप ठाकुर महाराज ने सात दिन की कथा का सारांश बताते हुए कहा कि जीवन कई योनियों के बाद मिलता है और इसे कैसे जीना चाहिए इसके के बारे में भी उपस्थित भक्तों को समझाया। सुदामा चरित्र को विस्तार से सुनाते हुए श्रीकृष्ण सुदामा की मित्रता का वर्णन करते हुए बताया कि कैसे बिना याचना के कृष्ण ने गरीब सुदामा की स्थिति को सुधारा। अंत में कृष्ण के दिव्य लोक पहुंचने का वर्णन किया। महाआरती के बाद भोग वितरण किया गया! इस मौके पर परिक्षित रूपेन्द्र सिंह सपत्नीक, धर्मेंद्र सिंह ब्लाक प्रमुख बावन, संजय सिंह प्रधान गोविंदपुर, सत्येंद्र सिंह,आकाश सिंह राठौड़, अजीत सिंह गग्यौंली ,रामनिवास मिश्रा, रामसुभाष, राहुल सिंह बघौरा, ज्ञानू सिंह करनपुर, भूरे सिंह, छुन्नू अवस्थी, रामनाथ यादव, सोनेलाल गुप्ता, रतीराम गुप्ता, राधा अध्यापक, प्रदीप गुप्ता बरसोहिया, मान सिंह वर्मा, अभिषेक गुप्ता मंडी रामस्वरूप, रामविलास हरदोई समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहें।