
आखिर कब तक भदोखर थाना के दरोगा जिब्राइल पर लटकी रहेगी कार्यवाही की तलवार.?


*मौत के बाद मदद करने की बजाय पैसे की भूख मिटाने में जुटे जिब्राइल दरोगा*
*आख्या लगाने नाम पर दरोगा जिब्राइल ने की 50 हजार रुपए की किया था मांग*
*कमाऊ पुत्र के रूप मेें विख्यात दरोगा पर कार्यवाही करने से कतरा रहे थानाध्यक्ष राजेश*
मंडल ब्यूरो चीफ अनुभव शुक्ला लखनऊ
भदोखर/ रायबरेली। (उपभोक्ता खबर) जिला मुख्यालय से महज दस किलोमीटर दूर स्थित भदोखर थाना को एक दरोगा लूट का अड्डा बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है संविधान की रक्षा व जनसेवा की शपथ खाने वाला दरोगा आख्या लगाने के नाम पर नोट की गड्डियों की मांग करने जैसे गम्भीर आरोपों से घिरा हुआ है किंतु कार्यवाही अब तक शून्य स्तर पर है जिससे सिस्टम पर सवाल उठना लाजिमी है! दरअसल भदोखर थाने में तैनात उप निरीक्षक जिब्राइल के द्वारा पैसे की भूख को मिटाने के लिए अपने जिस्म की खाकी और अपने ईमान को गिरवी रखकर ऐसे कारनामे को अंजाम दिया गया जो कि क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है। थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव नौवापुर मजरे चकरार का बीते दिनों का एक मामला आया जब सर्प काटने के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई इसके बाद दुख में डूबा परिवार सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की जुगत में थाने की तरफ निहारने लगा। लेकिन पीड़ित परिवार को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था की भदोखर थाने में तैनात उप निरीक्षक जिब्राइल पहले से ही पैसे के इतने भूखे हैं कि उन्हें किसी के दर्द से कोई फर्क नही पड़ता। एक तरफ पीड़ित परिवार मौत के शोक में डूबा हुआ सरकारी सेवाओं का लाभ तलाश में जुटा था। तो दूसरी तरफ उसकी मजबूरी का फायदा उठाकर रिश्वतखोर दरोगा सर्पदंश की आख्या लगाने के नाम पर पीड़ित परिवार से पचास हजार रुपए की मांग कर दी किंतु साहब को यह नहीं मालूम था की बात आग की तरह फ़ैल जायेगी मामला उच्च स्तर पर पहुंचने के बावजूद भदोखर थानाध्यक्ष अपने कमाऊ पुत्र बने जिब्राइल नाम के दरोगा पर कार्यवाही की आख्या उच्चाधिकारियों को प्रेषित करने से कतरा रहे हैं आखिर ऐसा क्यों कर रहे हैं.? यह एक सबसे बड़ा सवाल बना हुआ है!