
सूची चौकी इंचार्ज बृजेन्द्र की लापरवाही से खूनी संघर्ष में युवक की हुई मौत


*दो पक्षों में हुआ खूनी संघर्ष कुल्हाड़ी से घायल युवक ने इलाज के दौरान तोड़ा दम*
*दबंगों के रसूख के आगे नतमस्तक मृतक युवक के भाई पर ही दबाव बनाती रही सूची चौकी पुलिस*
मंडल ब्यूरो चीफ अनुभव शुक्ला लखनऊ
सलोन/ रायबरेली। इस तस्वीर को जरा गौर से देखिए! ये वो लाचार परिजन हैं जो की अपने बीरेंद्र नाम के लाडले को पुलिसिया लापरवाही के चलते खो चुके हैं कहावत है की विधाता ही रूठ जाये तो तकदीर क्या करे! जब रक्षक ही बन जाये भक्षक तो विश्वास किस पर करे!! खाकी जब मित्रता निभाने पर आती है तो अपने सगे सम्बंधियों से कहीं ज्यादा प्यार जनता पर लुटा देती है! जिसकी मिसाल जिले में कई बार देखने को भी मिली है! किंतु खाकी का दूसरा रुप यमलोक में बैठे यमराज भी शायद देखकर यह सोचते होंगे की दुनिया में मानव किस हद तक गिर सकता है! जी हां! हम जिले की उसी सर्किल क्षेत्र की बात कर रहे हैं जिसकी कमान अभी हाल ही में जिले की तेजतर्रार महिला क्षेत्राधिकारी वंदना सिंह के हाथों सौंपी गई सलोन सर्किल की कमान सम्हालते ही पुलिसिंग व्यवस्था में सीओ वंदना सिंह ने काफी सुधार की किंतु शायद उन्हें भी यह नहीं पता रहा होगा की टीम में कुछ ऐसी भी खाकी है जिससे पूरा पुलिसिया सिस्टम सढता जा रहा है दो पक्षों के मध्य तना-तनी का माहौल देखने के बाद भी लापरवाही भरी कार्यशैली से चर्चित चौकी इंचार्ज बृजेन्द्र रसूख दार वाले पक्ष का साथ देते रहे उस पक्ष का हौसला बढ़ता गया और नतीजा खूनी संघर्ष में युवक की मौत का सामने आ गया। हम आपको सिलसिलेवार पूरी घटना क्रम बताते हैं! सूची चौकी क्षेत्र स्थित नेम का पुरवा गांव में मुन्ना लाल यादव व बीरेंद्र यादव दो पक्षों में काफी अर्से से तना-तनी का माहौल था यदि सूत्रों की मानें तो मुन्ना लाल पक्ष को पहले से ही पुलिसिया सह प्राप्त था मंगलवार की शाम मामूली बात को लेकर दोनों पक्ष भिड गए फिर क्या था इधर से लाठी निकली किंतु उधर से कुल्हाड़ी निकली! आरोप है की इस खूनी संघर्ष में मुन्ना लाल, रोहित, और मोहन तीन लोगों ने मिलकर बीरेंद्र कुमार व योगेश को कुल्हाड़ी से घायल कर दिया गांव में कोहराम मच गया आनन-फानन में ग्रामीण व परिजन इलाज के लिए सलोन सीएचसी लेकर पहुंचे जहां से उसे रायबरेली जिला अस्पताल रेफर किया गया इधर मृतक के परिजन सूची चौकी शिकायत लेकर पहुंचते हैं किंतु साहब के बेखौफ तेवर देखिए! फरमान सुनाया की पहले जाओ इलाज करवाओ तब शिकायत करो परिजन खलनायक की भूमिका निभाने वाले साहब को मददगार समझ बैठे और इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचे उतने में बीरेंद्र को अधिक रक्तस्राव होने के चलते लखनऊ रेफर किया गया जहां घायल बीरेंद्र ने जीवन की अंतिम सांस लेकर दम तोड़ दिया इधर मौत होते ही मृतक के परिजनों में कोहराम मच जाता है उधर मामले को हल्के में निपटाने का सूची चौकी पुलिस ताना-बाना बुन लेती है यदि सूत्रों की मानें तो पर्दे के पीछे खलनायक की भूमिका अदा करने वाली सूची चौकी पुलिस पोस्टमार्टम से शव वापस आने से पहले ही लकड़ी तक का इंतजाम गांव में कर देती है की अंतिम संस्कार रात्रि में ही कर लो किंतु मृतक के परिजन प्रभावी कार्यवाही को लेकर गुहार लगा रहे हैं एक तरफ मृतक के परिजनों में गम तो दूसरी तरफ गुस्सा है किंतु उसी बीच सूची चौकी पुलिस अपना व आरोपियों का बचाव करने के पुरजोर कोशिश में जुटी हुई है अब देखना यह है की सिस्टम बाज चौकी इंचार्ज बृजेन्द्र अपने माया जाल से मृतक के परिजनों को न्याय दिला पाते हैं या फिर जांच की आंच में इस मामले पर भी पर्दा डाल देंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा।